
violence in Pakistan : पाकिस्तान के कई शहर शुक्रवार से हिंसा की चपेट में हैं। दरअसल, कट्टर इस्लामिक संगठन तेहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (TLP) की ओर से निकाले जा रहे गाजा मार्च ने अचानक उग्र रूप ले लिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव की घटनाओं में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई पुलिसकर्मी और आम नागरिक घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह मार्च गाजा के लोगों के समर्थन में निकाला गया था, लेकिन पुलिस का कहना है कि भीड़ ने राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ते हुए हिंसक रुख अख्तियार कर लिया।
TLP ने गुरुवार को लाहौर से इस मार्च की शुरुआत की थी। पार्टी प्रमुख साद रिजवी की अगुवाई में हजारों समर्थक मल्तान रोड से निकलकर इस्लामाबाद की तरफ बढ़े। हाथों में झंडे, डंडे और बैनर लिए भीड़ ने नारेबाजी शुरू की।
जैसे ही मार्च यतीम खाना चौक और चौबुर्जी के पास पहुंचा, पुलिस ने आगे बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। लेकिन भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया और कई जगह सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया (violence in Pakistan)।
कई वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पुलिस बैरिकेड तोड़ते और सड़कों पर कब्जा करते देखा गया। लाहौर के आजादी चौक और शाहदरा इलाकों में हालात सबसे ज्यादा तनावपूर्ण रहे।
हिंसा इस्लामाबाद तक फैली (violence in Pakistan)
लाहौर में झड़पों के बाद आंदोलन इस्लामाबाद और रावलपिंडी तक पहुंच गया। प्रशासन ने पहले से ही मुख्य सड़कों पर कंटेनर रखकर रास्ते बंद कर दिए थे और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कई जगह बैरिकेड हटाने की कोशिश की। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े। शहर में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और मेट्रो बस सेवा को भी निलंबित कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें : JeM Terrorist Maulana Masood : ऑपरेशन सिंदूर से तिनकों में बिखरा आतंकी मसूद का कुनबा
मौतों पर विवाद, दोनों पक्षों के दावे अलग
TLP का कहना है कि पिछले तीन दिनों में उनके 11 कार्यकर्ता मारे गए हैं और 50 से अधिक घायल हैं (violence in Pakistan)। वहीं पुलिस ने इन आंकड़ों की पुष्टि नहीं की है, लेकिन यह माना है कि कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
सरकार की ओर से अब तक किसी मुआवजे या न्यायिक जांच की घोषणा नहीं की गई है।
TLP पर राजनीतिक ब्लैकमेल का आरोप
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने साफ कहा है कि किसी भी संगठन को राजधानी में मार्च की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वहीं, राज्य मंत्री तालाल चौधरी ने TLP पर धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हर नागरिक का अधिकार है, लेकिन सड़कों पर अराजकता फैलाना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।
TLP के प्रवक्ता अल्लामा इरफान ने कहा कि हमारा मकसद सिर्फ गाजा के लोगों के साथ खड़े होना है। यह किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति के खिलाफ मार्च नहीं था।
यह भी पढ़ें : Pakistani rape gangs : ब्रिटेन में रेप गैंग चला रहे पाकिस्तानी, सनसनीखेज खुलासा
TLP का इतिहास और सरकार की चिंता
TLP पाकिस्तान का एक कट्टरपंथी राजनीतिक दल है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में कई बार पूरे देश को ठप किया है।
2017 में पार्टी ने इस्लामाबाद में हजारों की भीड़ के साथ धरना देकर सरकार को झुकने पर मजबूर किया था (violence in Pakistan)। इसके बाद 2021 में फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून विवाद को लेकर भी उसने हिंसक प्रदर्शन किए थे।
इस बार गाजा के मुद्दे पर TLP ने एक बार फिर धार्मिक जनभावनाओं को हवा दी, जिससे पाकिस्तान सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। देश पहले से आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है, ऐसे में ये प्रदर्शन एक नई चुनौती बनकर सामने आए हैं।
पाकिस्तान में हालात खराब (violence in Pakistan)
इस्लामाबाद और रावलपिंडी में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती है। राजधानी की कई मुख्य सड़कों पर ट्रैफिक रोक दिया गया है।
पुलिस ने कहा है कि अब तक 100 से अधिक TLP कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे घरों में रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
जिन्ना ने दिया था बलूचिस्तान को धोखा, कीमत चुका रहा पाकिस्तान



