
जापान के उत्तरी हिस्से में सोमवार देर रात 7.5 तीव्रता का तेज भूकंप आया, जिसने कई शहरों में अफरा-तफरी मचा दी। हचिनोह, ताकिजावा और हकोडाते जैसे इलाकों में लोगों ने तेज झटके महसूस किए, इमारतें हिलने लगीं, खिड़कियां टूट गईं और लोग कड़कड़ाती ठंड में घरों से बाहर भागने लगे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में एक्वेरियम का पानी बाहर छलकता दिखा, न्यूज रूम हिल गया और दुकानों की छत से पानी झरने जैसा गिरने लगा। (Why Japan has so many earthquakes)
जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (JMA) ने पहले भूकंप की तीव्रता 7.6 बताई थी, जिसे बाद में संशोधित कर 7.5 किया। झटके इतने लंबे समय तक महसूस हुए कि मोबाइल फोनों पर भूकंप अलर्ट एक साथ बजने लगे।
सुनामी की चेतावनी
भूकंप के बाद कई तटीय इलाकों में 70 सेंटीमीटर ऊंचाई तक सुनामी की लहरें दर्ज की गईं। शुरुआती चेतावनी के अनुसार तीन मीटर ऊंची लहरों की संभावना थी, लेकिन हालात धीरे-धीरे सामान्य होते गए और मंगलवार सुबह तक अधिकांश चेतावनियां हटा ली गईं।
लगभग 28,000 से अधिक लोगों को घर खाली कर आश्रय स्थलों की ओर जाना पड़ा। कई शेल्टर भर गए, जबकि तापमान शून्य के करीब पहुंच गया था।
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होक्काइडो और आओमोरी में करीब 2,700 घरों की बिजली चली गई थी, जो बाद में बहाल कर दी गई। तोहोकू शिंकानसेन (बुलेट ट्रेन) के कई रूट भी अस्थायी रूप से बंद करने पड़े। हवाई अड्डों पर सैकड़ों यात्री फंसे रहे। (Why Japan has so many earthquakes)
सरकार ने पुष्टि की कि हिगाशिदोरी और ओनागावा परमाणु संयंत्र सुरक्षित हैं, जबकि रोक्काशो प्लांट में स्पेंट-फ्यूल सिस्टम से लगभग 450 लीटर पानी छलक गया, लेकिन इसे गंभीर खतरा नहीं बताया गया।
प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने आपातकालीन टास्क फोर्स सक्रिय करते हुए लोगों से पूरी सावधानी बरतने और हल्का झटका महसूस होते ही तैयार रहने की अपील की।
अगले सप्ताह बड़ा भूकंप संभव (Why Japan has so many earthquakes)
JMA ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले सप्ताह में बड़े भूकंप की संभावना बढ़ गई है। यह अलर्ट होक्काइडो से चिबा तक प्रशांत तट के 182 नगरपालिकाओं के लिए जारी किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि 8.0 तीव्रता तक के भूकंप की संभावना थोड़ी बढ़ी है।
यह इलाका 2011 के उस भूकंप के पास है, जहां 9.0 मैग्नीट्यूड की त्रासदी में 18,500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी
जापान में इतने भूकंप क्यों आते हैं? (Why Japan has so many earthquakes)
जापान दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप क्षेत्रों में से एक है। इसके पीछे तीन मुख्य कारण हैं :
चार टेक्टॉनिक प्लेटों का संगम : जापान के नीचे चार प्रमुख टेक्टॉनिक प्लेटें मिलती हैं – पैसिफिक प्लेट, फिलीपीन सी प्लेट, नॉर्थ अमेरिकन प्लेट और यूरोशियन प्लेट। इन प्लेटों के लगातार खिसकने, टकराने और दबाव बढ़ने से बार-बार बड़े भूकंप आते हैं।
‘Ring of Fire’ का हिस्सा : जापान पैसिफिक रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है, जहाँ दुनिया के 80% बड़े भूकंप आते हैं। यह दुनिया का सबसे सक्रिय सिस्मिक बेल्ट है।
सबडक्शन जोन : पैसिफिक और फिलीपीन प्लेट नीचे धंसती हैं (सबडक्शन), जिससे भीतर अत्यधिक तनाव बनता है। यह तनाव अचानक रिलीज होता है और भारी भूकंप आते हैं। (Why Japan has so many earthquakes)
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जापान में इतने बड़े भूकंप के बावजूद नुकसान कम क्यों होता है?
जापान में भूकंप ज्यादा (Why Japan has so many earthquakes) आते हैं, लेकिन नुकसान कई देशों की तुलना में कम होता है। इसके कारण हैं :
दुनिया की सबसे मजबूत भूकंप-रोधी इमारतें : जापान की इमारतों में हाई-टेक सीस्मिक डैम्पर्स, शेक-एब्जॉर्बिंग बेसमेंट, और फ्लेक्सिबल स्ट्रक्चर होते हैं, जो तेज़ झटकों को झेल लेते हैं।
रियल-टाइम अलर्ट सिस्टम : जापान में दुनिया का सबसे तेज Earthquake Early Warning (EEW) सिस्टम है, जो झटकों से पहले अलर्ट भेज देता है। ट्रेनें रुक जाती हैं, लिफ्टें अपने-आप खुल जाती हैं।
लोगों की तैयारी और ट्रेनिंग : स्कूल, ऑफिस, मेट्रो – हर जगह नियमित भूकंप ड्रिल होती है। लोग जानते हैं कि झटकों के समय क्या करना है।
सख्त नियम और मॉनिटरिंग : हर नई इमारत को भूकंप-रोधी निर्माण नियमों का पालन करना अनिवार्य है। सुरक्षा नियम दुनिया में सबसे कड़े हैं। (Why Japan has so many earthquakes)
तटों पर सुनामी दीवारें और सेंसर : जापान के तटों पर मजबूत Sea Walls, अलार्म सिस्टम और सुनामी सेंसर लगे हैं, जो खतरा कम करते हैं।
Ring of Fire : आग का गोला क्यों कही जाती है धरती की यह जगह



