

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ (Rashid Latif) की आदत है बड़े बोल बोलने की। आपमें से कई लोगों को याद होगा कि किस तरह से उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग के साथ पंगा लिया था और तब वीरू ने उसी आक्रामक अंदाज में जवाब दिया था, जिस तरह वह बैटिंग किया करते थे।
पिछले दिनों जब चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) को लेकर पीसीबी और बीसीसीआई (PCB vs BCCI) में ठनी हुई थी, तब इन्हीं राशिद लतीफ ने अपने एक यूट्यूब चैनल पर बातों ही बातों में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का जिक्र छेड़ दिया। राशिद ने सीधे नाम तो नहीं लिया, लेकिन वह जो कहना चाहते थे, बात बिल्कुल वहीं तक पहुंची। राशिद ने कराची के अपने घर का जिक्र करते हुए कहा, ‘पता है न, भाई के बगल में रहता हूं मैं।’ उन्होंने अपने ‘भाई’ का नाम लेकर हंसते-हंसते ही सही, लेकिन धमकाने वाले अंदाज में कहा कि जब भाई बोलता है तो सब चुप हो जाते हैं।
हमारे इस आर्टिकल में राशिद लतीफ का काम बस इतना ही था, उनके करियर जितना छोटा। उनका इस्तेमाल हमने किया है दाऊद के नाम तक पहुंचने के लिए। दाऊद की क्रिकेट में खास दिलचस्पी रही थी। कई मौकों पर मैच फिक्सिंग में डी कंपनी का नाम भी सामने आता रहा है।
एक वक्त तो यहां तक कहा जाता था कि पाकिस्तान और दुबई में होने वाले तमाम मैचों में फिक्सिंग होती है और इसके पीछे हाथ होता है दाऊद का। शारजहां क्रिकेट मैदान पर दाऊद की मैच देखते एक तस्वीर भी काफी वायरल हुई थी। भारत और पाकिस्तान (India vs Pakistan cricket match) के बीच होने वाले मुकाबलों में वह कई बार देखा गया।
दाऊद के बारे में कई लोगों का कहना था कि शारजाह में कई मैच उसके इशारे पर होते थे। एक तरह से वह स्क्रिप्ट लिखा करता था। लेकिन एक वाकया है, जब उसे भारतीय ड्रेसिंग रूम से रुसवा होकर निकलना पड़ा। यह घटना है साल 1986 की। पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने इस बात का खुलासा किया था।
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मीडिया की विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक, शारजहां में भारत (Team India) का एक मैच खेला जाना था। इस मुकाबले से पहले दाऊद भारतीय ड्रेसिंग रूम में पहुंचा था। खबरों में बताया गया कि दाऊद इब्राहिम को मशहूर अभिनेता महमूद लेकर पहुंचे थे। महमूद सुपरस्टार थे उस समय के, हर जगह उनके प्रशंसक मौजूद थे। ऐसे में महमूद को टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम तक पहुंचने में बिल्कुल भी परेशानी नहीं हुई।
महमूद ने दाऊद (Don Dawood Ibrahim) का परिचय एक बिजनेसमैन के रूप में कराया। तब कोई सोशल मीडिया या टीवी का दौर तो था नहीं कि खिलाडियों तक उसकी वायरल तस्वीरें पहुंची होतीं। फिर, उस समय तक वह इतना कुख्यात भी नहीं हुआ था। बताया जाता है कि ड्रेसिंग रूम में दाऊद ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के सामने एक पेशकश रखी। उसने कहा, ‘अगर कल होने वाले फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम जीत जाती है, तो सभी खिलाड़ियों को एक-एक टोयोटा कोरोला कार गिफ्ट के तौर पर मिलेगी।’
ऑफर सुनते ही सभी क्रिकेटर एक-दूसरे का चेहरा देखने लगे। इस बीच कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म कर ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए। उनके वहां पहुंचते ही माहौल बदल गया। कपिल ने पहले महमूद से कहा, ‘महमूद साहब, आप जरा ड्रेसिंग रूम से बाहर निकल जाइए।’
तभी उनकी नजर दाऊद पर पड़ी। कपिल उसे पहचानते नहीं थे। उन्होंने दाऊद की ओर देखते हुए कहा, ‘यह कौन है, चल बाहर चल…।’ कपिल की बात सुनते ही दाऊद भी ड्रेसिंग रूम से बाहर निकल गया। ड्रेसिंग रूम में दाऊद को वेंगसरकर के सिवाय कोई भी नहीं पहचान सका था। इस किस्से को ‘शारजाह ड्रेसिंग रूम कांड’ के नाम से जाना जाता है।
इस घटना के कुछ सालों बाद दिलीप वेंगसरकर ने एक कार्यक्रम में इसका जिक्र किया था। बाद में कपिल देव ने भी एक कार्यक्रम में बताया था कि उन्हें वह किस्सा याद है। कपिल के मुताबिक, ‘शारजाह में एक मैच के दौरान एक शख्स हमारे ड्रेसिंग रूम में आया था और वह खिलाड़ियों से बात करना चाहता था। मैंने उसे तुरंत बाहर चले जाने के लिए कह दिया, क्योंकि बाहर के लोगों को ड्रेसिंग रूम में आने की अनुमति नहीं थी। वह मेरी बात सुनकर बिना कुछ कहे ड्रेसिंग रूम से चला गया था। बाद में किसी ने मुझे बताया कि वह बॉम्बे का एक तस्कर था और उसका नाम दाऊद इब्राहिम था।’
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व सचिव जयवंत लेले ने भी अपनी किताब ‘I Was There – Memoirs of a Cricket Administrator’ में इस घटना का जिक्र किया था। जयंत ने अपनी किताब में लिखा है कि इस घटना के बारे में किसी तरह पुलिस को भी पता चल गया था। जब पुलिस ने मुझसे पूछताछ की तो मैं कांप गया। हालांकि, मैंने साफ-साफ बता दिया था कि हम उससे मिले थे, लेकिन उसे पहचानते नहीं थे। हम उसका नाम तक नहीं जानते थे। जयंत लिखते हैं, ‘किस्मत अच्छी रही कि पुलिस ने हम पर यकीन कर लिया और हम किसी मुसीबत में नहीं फंसे।’