

Train hijack in Pakistan
पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने बड़ी घटना को अंजाम दिया है (Train hijack in Pakistan)। बलूचिस्तान के बोलान जिले (Bolan, Balochistan) में मंगलवार को अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने पेशावर जाने वाली जाफर एक्सप्रेस (Jaffar Express) को हाईजैक कर लिया था।
24 घंटे बाद भी संकट बना हुआ है। पाकिस्ताानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रेन में 425 लोग सवार थे। इनमें पाकिस्तानी सेना और पुलिस के लोग थे। विद्रोहियों ने इनमें से 214 को बंधक बनाया था, जिनमें से 155 को रिहा कर लिया गया है।
एक पाकिस्तानी पुलिस अफसर ने बताया कि ट्रेन हाईजैक (Train hijack in Pakistan) केस में इसलिए दिक्कत आ रही क्योंकि विद्रोहियों ने बम लगे जैकेट पहन रखे हैं। करीब 60 बंधक अब भी उनके कब्जे में हैं।
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बताया जा रहा है कि विद्रोहियों ने 30 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार दिया है। वहीं, जवाबी कार्रवाई में 27 विद्रोही भी मारे गए हैं।
विद्रोहियों ने अपने नेताओं, बलूच साथियों की बिना शर्त रिहाई की मांग रखी है। पाकिस्तान ने बलूच आंदोलन से जुड़े कई चेहरों को लंबे अरसे से कैद करके रखा हुआ है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, जाफर एक्सप्रेस क्वेटा (Quetta) से पेशावर (Peshawar) जा रही थी। इस बीच रास्ते में, पहरो कुनरी और गडलार के बीच हमला (Train hijack in Pakistan) हुआ। कुछ खबरों की मानें तो इस हमले में कई लोगों की मौत हुई है और कई घायल हैं। हालांकि सही जानकारी पाकिस्तानी सरकार के बयान के बाद ही मिल पाएगी।
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रेलवे कंट्रोलर मुहम्मद काशिफ ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने ट्रेन को एक सुरंग में रोक लिया। यात्रियों और रेलवे स्टाफ से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ट्रेन एक सुरंग के पास पहाड़ियों से घिरी जगह पर रुकी हुई है। इससे हमलावर आसानी से छिप सकते हैं और सुरक्षाबलों पर जवाबी हमला कर सकते हैं।
सरकार ने नजदीकी सिबी अस्पताल में आपातकाल की घोषणा कर दी है। एम्बुलेंस और सुरक्षा बल मौके की ओर रवाना हो चुके हैं, हालांकि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण अधिकारियों को वहां पहुंचने में दिक्कत हो रही है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली (Train hijack in Pakistan) जिम्मेदारी
घटना की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली है। वहीं, बलूचिस्तान सरकार का कहना है कि रेलवे विभाग ने बचाव कार्य के लिए अतिरिक्त ट्रेनें भेजी हैं। घटना की गंभीरता और इसमें आतंकवादी तत्वों की संलिप्तता की जांच की जा रही है।
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क्वेटा सिविल अस्पताल में भी आपातकाल घोषित कर दिया गया है। वहीं, पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी (Mohsin Naqvi) ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि निर्दोष यात्रियों पर गोली चलाने वाले दरिंदों को कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
बलूचिस्तान में बढ़ रहे हमले
बलूचिस्तान में पिछले कुछ वर्षों में हिंसक गतिविधियों (Terrorist Activities) में वृद्धि हुई है। नवंबर 2024 में क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हुए आत्मघाती हमले में 26 लोग मारे गए थे और 62 घायल हुए थे।
पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में हमलों की संख्या 2014 जैसी स्थिति में पहुंच गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में पाकिस्तान में हुए 95% आतंकी हमले खैबर पख्तूनख्वा (KP) और बलूचिस्तान में हुए।
इसी तरह, बलूच विद्रोही गुटों – बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) द्वारा किए गए हमलों में 119% की वृद्धि हुई। हालिया घटना (Train hijack in Pakistan) भी इसी की कड़ी है।
Balochistan Liberation Army क्या है?
यह संगठन 1970 के दशक में उभरा, जब बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ विद्रोह ने जोर पकड़ा। हालांकि औपचारिक रूप से इसकी स्थापना साल 2000 में मानी जाती है। BLA के लड़ाकों ने बलूचिस्तान के पहाड़ी इलाकों में सुरक्षित ठिकाना बना रखा है।
माना जाता है कि 2021 में जब अमेरिकी फौजों ने अफगानिस्तान से विदाई ली, तो वे अपने पीछे अरबों डॉलर के जो हथियार छोड़ गए थे, उसका एक बड़ा हिस्सा BLA को भी मिला। इस संगठन को बलूचिस्तान की जनता का समर्थन हासिल है।
पाकिस्तान के लिए चिंता की बात यह है कि महिलाएं भी इससे जुड़ी हुई हैं। 2022 में 30 साल की एक टीचर ने कराची यूनिवर्सिटी में आत्मघाती हमला कर तीन चीनी नागरिकों की जान ले ली थी।
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