

Ghazipur transformer burnt case
गाजीपुर (Ghazipur News) के दिलदारनगर थाना क्षेत्र के उसिया गांव के मोतीनगर में ट्रांसफार्मर फटने से चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए। इस दर्दनाक हादसे के बाद सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की है। लाइनमैन और सब स्टेशन ऑफिसर (एसएसओ) को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि जूनियर इंजीनियर (जेई) और सहायक अभियंता (एसडीओ) को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
Ghazipur transformer burnt case में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की कड़ी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने Ghazipur transformer burnt case को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए एक्स पर जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि लाइनमैन मंटू सिंह कुशवाहा और सब स्टेशन ऑफिसर आजाद सिंह कुशवाहा को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि जेई शशिकांत पटेल और एसडीओ कमलेश कुमार को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, मंटू सिंह और सद्दाम खान निवासी उसिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
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हादसे की वजह और प्रशासनिक लापरवाही
ऊर्जा मंत्री ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए कहा कि गाजीपुर जिले में ट्रांसफार्मर और विद्युत तंत्र से जुड़े अवैध कारोबार में माफियाओं और राजनीतिक संरक्षण की संभावना नजर आ रही है। यह दुर्घटनाग्रस्त ट्रांसफार्मर अवैध था और अनधिकृत रूप से एक आइस फैक्ट्री पर लगाया जा रहा था। गौरतलब है कि इस फैक्ट्री का कनेक्शन पहले ही बकाया बिल न जमा करने के कारण काट दिया गया था।
मंत्री की बातों से जाहिर है कि Ghazipur transformer burnt case में बड़ी लापरवाही हुई है। सबसे बड़ी बात कि उनका ध्यान दुर्घना से जुड़ी गंभीर बातों की ओर गया है। उन्होंने माना है कि गाजीपुर जिले (Ghazipur) में ट्रांसफार्मर सहित विद्युत तंत्र के अवैध कारोबार करने और उसमें माफियाओं का हाथ और उनको राजनीतिक संरक्षण की भी संभावना दिखाई दे रही है।
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योगी सरकार (Yogi Government) के मंत्री ने ऐसे लोगों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
कैसे हुआ हादसा?
उसिया गांव के मोतीनगर में 25 केवीए का ट्रांसफार्मर कई दिनों से खराब था, जिसे बदलने के लिए एक टेंपो से नया ट्रांसफार्मर लाया गया। सुबह 9 बजे इसे स्थापित कर बिजली आपूर्ति शुरू की गई, लेकिन महज 10 मिनट के भीतर ट्रांसफार्मर ब्लास्ट हो गया। गर्म तेल के छींटे सड़क पर चल रहे राहगीरों पर गिर गए, जिससे चार लोग झुलस गए (Ghazipur transformer burnt case)।
हादसे में झुलसे लोगों में शामिल हैं – उसिया निवासी महताब खान (46), महताब खान (28), साहिल उर्फ अदनान खान (18) और बारा के रहने वाले कृष्णा राजभर (17)। सभी घायलों को वाराणसी रेफर किया गया है, जहां उनका इलाज जारी है (Ghazipur transformer burnt case)।
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लाइनमैन ने लगाए गंभीर आरोप
संविदा पर कार्यरत लाइनमैन मंटू सिंह भी इस हादसे में झुलस गया। उसने आरोप लगाया कि जेई और ठेकेदार ने उसे ट्रांसफार्मर लगाने का दबाव डाला था।
मंटू ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मुझे पिछले दस दिनों से कहा जा रहा था कि आइस फैक्ट्री का ट्रांसफार्मर लगा दो, वरना नौकरी से निकाल दिए जाओगे। मैंने जेई को बताया कि इस ट्रांसफार्मर का कोई पीआर नंबर नहीं है, फिर भी उन्होंने दबाव बनाकर इसे लगवाया। चार्ज करने के दौरान ब्लास्ट हो गया और मेरा हाथ झुलस गया।’ (Ghazipur transformer burnt case)
ग्रामीणों का आरोप] अवैध ट्रांसफार्मर माफिया का खेल
Ghazipur transformer burnt case के बारे में ग्रामीणों ने भी आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि,
कुछ महीने पहले एक ठेकेदार के घर से 12 अवैध ट्रांसफार्मर जब्त किए गए थे। इसी नेटवर्क के जरिए यह ट्रांसफार्मर भी मंगाया गया था। आइस फैक्ट्री अवैध रूप से ट्रांसफार्मर से बिजली ले रही थी, जबकि क्षेत्र के अन्य लोगों को कनेक्शन नहीं दिया गया था।