

यह 1996 की बात है, जब इंटरनेट की दुनिया ने एक ऐसा वीडियो देखा जिसने आने वाले वर्षों में डिजिटल युग की नई परिभाषा गढ़ दी। यह वीडियो था ‘Baby Cha-Cha-Cha’ का, जिसे बाद में ‘Dancing Baby’ के नाम से पहचाना गया।
कुछ लोग इसे ‘The Oogachacka Baby’ भी कहते हैं। यह एक 3D कंप्यूटर-जनरेटेड एनिमेशन था, जिसमें एक छोटे बच्चे को डायपर पहनकर अजीब, लेकिन मजेदार डांस मूव्स करते हुए दिखाया गया। उस समय इंटरनेट अपनी शुरुआती अवस्था में था, इस वीडियो ने हर किसी का ध्यान खींचा। इंटरनेट पर वायरल होने वाला यह पहला वीडियो था।
डेमो के रूप में तैयार किया गया
इस दिलचस्प वीडियो की शुरुआत हुई माइकल गेरार्ड और उनकी पत्नी सुसान एंक्राउट से, जो 1993 में हॉलैंड में पढ़ाने के बाद अमेरिका के कैलिफोर्निया लौटे थे। वहां उन्होंने Unreal Pictures Inc. नामक एक सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई। इस कंपनी ने Biped नामक एक प्रोग्राम विकसित किया, जो 3D एनिमेटेड पात्रों को मूवमेंट देने के लिए इस्तेमाल किया गया।
यह भी पढ़ें : इस तरह बना दुनिया का सबसे ज्यादा Viral Video
शुरुआत में गेरार्ड ने इस प्रोग्राम का डेमो दिखाने के लिए एक कंकाल को डांस करते हुए तैयार किया। उन्होंने इसे ‘Cha-Cha’ डांस स्टेप्स के साथ प्रोटोटाइप के रूप में डिजाइन किया। बाद में इस डांस को एक एनिमेटेड बेबी मॉडल पर लागू किया गया। इसे Viewpoint DataLabs ने डिजिटल रूप से तैयार किया था।
डेमो तैयार करने के लिए रॉबर्ट ल्यूरी नामक एक एनिमेटर को हायर किया गया था। उन्होंने डांस मूव्स को और अधिक रोचक बनाया। कंकाल वाला डांस भी ठीक बना था, लेकिन जब इसे एक बेबी के रूप में प्रस्तुत किया गया, तो इसका प्रभाव काफी अलग था। बेबी का डांस कुछ-कुछ अजीब और असामान्य था, और इसी वजह से इसने देखने वालों के मन में उत्सुकता और असहजता पैदा कर दी।
पहले फ्लॉप, फिर इतना हिट की कंपनियां डर गईं
1996 में ‘Baby Cha-Cha-Cha’ को सिग्ग्राफ (Siggraph) कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शित किया गया। हालांकि इसे शुरुआत में बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली, लेकिन इंटरनेट पर अपलोड करते ही सब बदल गया। LucasArts में काम करने वाले Ron Lussier ने इस एनिमेशन को CompuServe फोरम पर .avi फॉर्मेट में अपलोड किया। इसके बाद यह वीडियो तेजी से इंटरनेट पर फैलने लगा।
यह भी पढ़ें : बच्चों को किस उम्र में मोबाइल देना चाहिए?
कंपनियों और ऑफिसों में यह वीडियो इतना लोकप्रिय हो गया कि कर्मचारियों ने इसे ईमेल से शेयर करना शुरू कर दिया। तब इंटरनेट इतनी सर्वसुलभ चीज नहीं थी। एक समय ऐसा आया जब कंपनियों के नेटवर्क पर इस वीडियो के कारण बोझ बढ़ने लगा। ऐसे में कंपनियों को कर्मचारियों से कहना पड़ा कि इस वीडियो को शेयर न किया जाए।
कला और तकनीक का मेल
‘Baby Cha-Cha-Cha’ ने कंप्यूटर एनिमेशन की दुनिया को नई दिशा दी। यह वीडियो दिखाता था कि कैसे मोशन-कैप्चर तकनीक किसी भी 3D मॉडल पर लागू की जा सकती है।
इस वीडियो की सबसे खास बात यह थी कि चेहरे के बिना किसी हाव-भाव या उंगलियों की हरकत के भी दर्शकों को हंसाने और मोहित करने में कामयाब रहा। यह वीडियो कंप्यूटर-जनरेटेड इमेजरी (CGI) की संभावनाओं का संकेत था। इसने दिखाया कि भविष्य में डिजिटल कला किस तरह विकसित हो सकती है।
‘Dancing Baby’ डिजिटल एनीमेशन की दुनिया में एक नई सोच लेकर आया। इसने हमें सिखाया कि इंटरनेट के युग में कोई भी चीज वायरल हो सकती है, चाहे वह कितनी ही साधारण क्यों न हो।
यह वीडियो इंटरनेट संस्कृति का शुरुआती प्रतीक था और यह बताने के लिए काफी है कि रचनात्मकता और तकनीक मिलकर क्या कर सकती हैं। तो आज जब आप सोशल मीडिया पर कोई वायरल वीडियो देखिए तो यह जरूर याद रखिए कि यह सब एक नाचते हुए बेबी से शुरू हुआ था।