

Champions Trophy Final Special
क्रिकेट में विपक्षी खिलाड़ियों पर कमेंटबाजी आम है। ध्यान भटकाने के लिए स्लेजिंग का सहारा लिया जाता है। लेकिन कई बार लेने के देने पड़ जाते हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ ऐसा ही ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ था। चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) की सरगर्मी है तो इस पुराने मुकाबले को याद कर लेते हैं, जिसमें एक टीम पाकिस्तान (Pakistan cricket team) भी थी।
ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम (Australia cricket team) को शुरू से दूसरों को छेड़ने की आदत रही है। बैट-बॉल के अलावा उसके खिलाड़ी सामने वाली टीम के दिमाग के साथ भी खेलना चाहते हैं। कई बार तो यह तरीका काम कर जाता है, लेकिन कई बार दांव उल्टा भी पड़ जाता है। 32 साल पहले यही हुआ था, जब उन्होंने गलत खिलाड़ी से पंगा ले लिया।
Champions Trophy Final : यह लड़ाई है फैब फोर के योद्धाओं की
1992-1993 में ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में वर्ल्ड सीरीज नाम से वनडे ट्राई सीरीज खेली गई। ऑस्ट्रेलिया के साथ इसमें वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की क्रिकेट (Pakistan cricket team) टीमें थीं। ऑस्ट्रेलिया की कमान थी एलन बॉर्डर के पास। पाकिस्तान की कप्तानी (Pakistan captain) जावेद मियांदाद कर रहे थे, जबकि वेस्टइंडीज के कप्तान थे रिची रिचर्डसन। (Champions Trophy Final Special)
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सीरीज का फाइनल बेस्ट ऑफ थ्री फॉर्मेट में था यानी तीन फाइनल होने थे। जो भी टीम दो फाइनल मैच जीतती, उसे खिताब मिल जाता। अगर कोई टीम पहले दो फाइनल जीत लेती, तो फिर तीसरे मुकाबले की जरूरत नहीं पड़ती। (Champions Trophy Final Special)
यह वाकया जिस मैच का है, वह पहला फाइनल था। 16 जनवरी 1993 को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर वेस्टइंडीज की टीम ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाए। ब्रायन लारा ने 81 गेंदों पर 67 रनों की पारी खेली। (Champions Trophy Final Special)
जवाब में ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी कही जाएगी। मार्क टेलर और डेविड बून की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 41 रन जोड़ लिए थे। इसी स्कोर पर कर्टली एम्ब्रोस (Curtly Ambrose) ने डेविड बून को विकेट के पीछे कैच आउट करा दिया। अगले बैटर डीन जोंस थे। (Champions Trophy Final Special)
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खेल शुरू होने से पहले ही गलती
कायदे से एम्ब्रोस को अच्छी शुरुआत का फायदा उठाते हुए स्कोर को आगे बढ़ाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने पहली गेंद खेलने से पहले ही एक बहुत बड़ी गलती कर दी। वह साथी बल्लेबाज मार्क टेलर के पास गए, उनसे कुछ बात की और फिर अंपायर टेरी प्रू के पास जाकर कहा कि कर्टली एम्ब्रोस ने जो सफेद रंग का रिस्टबैंड पहना हुआ है, उससे दिक्कत हो रही है। (Champions Trophy Final Special)
आपने देखा होगा कि कई गेंदबाज अपनी कलाई पर बैंड पहनते हैं ताकि पसीना पोछ सकें। इससे बांहों का पसीना बहकर हथेलियों तक नहीं जाता और गेंद गीली नहीं होती है। खिलाड़ी इस तरह का बैंड पहन सकते हैं। यह नियमों के दायरे में आता है। (Cricket rules)
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डीन जोंस (Dean Jones) की शिकायत थी कि गेंद सफेद रंग की है और एम्ब्रोस का रिस्टबैंड भी वाइट है। इससे गेंद को पिक करने में मुश्किल आ रही है। जोंस ने बाद में कहा था कि एम्ब्रोस को ओपनर डेविड बून ठीक से खेल नहीं पा रहे थे। ऐसे में उन्हें लगा कि अगर वह जाते ही वेस्टइंडीज (West Indies) के गेंदबाज को थोड़ा परेशान करेंगे तो वह सेटल नहीं हो पाएंगे। (Champions Trophy Final Special)
डीन जोंस को उम्मीद थी कि रिस्टबैंड का मामला उठाने से एम्ब्रोस का ध्यान भटक जाएगा और वह अपनी लाइन-लेंथ भूल जाएंगे। दूसरी ओर, एम्ब्रोस को यह बात बहुत अजीब लगी। खेलते समय वह हमेशा रिस्टबैंड पहनते आए थे। उन्हें भी समझ आ रहा था कि ऑस्ट्रेलियाई उन्हें परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं।
अपने ही खिलाड़ी ने जोंस को लताड़ा
मामला लंबा खिंचता जा रहा था। कमेंट्री बॉक्स में प्रसिद्ध कमेंटेटर रिची बेनोड बैठे हुए थे। उन्होंने कमेंट किया, ‘अंपायर प्रू के लिए यह मुश्किल काम है। प्रू को 6 फुट 8 इंच लंबे कर्टली एम्ब्रोस को समझाना है कि उन्हें अपनी दाहिनी कलाई का रिस्टबैंड उतारना होगा।’ (Champions Trophy Final Special)
आखिर में वेस्टइंडीज के दूसरे खिलाड़ी भी बीच में आ गए। उन्होंने एम्ब्रोस को समझाया कि कोई बात नहीं, अपनी गेंदबाजी से जवाब देना। उधर, मार्क टेलर भी इस विवाद से खुश नहीं थे। उन्होंने डीन जोंस से कहा, ‘यह क्या कर रहे हो? मेरे दो बच्चे हैं।’ यानी कि टेलर को भी एम्ब्रोस से डर लग रहा था। (Champions Trophy Final Special)
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आखिर में एम्ब्रोस ने बात मान ली। डीन जोंस को लग रहा था कि उन्होंने जीत हासिल कर ली है, लेकिन जल्द ही उनकी खुशी हवा हो गई। इसके बाद उन्होंने एम्ब्रोस की जो अगली तीन गेंदें खेलीं, वे उनके जीवन की सबसे तेज डिलीवरी थीं। डीन जोंस ने बाद में माना कि उन्होंने इतनी तेज गेंदों का सामना कभी नहीं किया था। तीसरी बॉल उनके पैड पर लगी, लेकिन हाइट की वजह से अंपायर ने LBW आउट नहीं दिया। (Champions Trophy Final Special)
एम्ब्रोस ने तय किया था कि वह अपनी हर गेंद में पूरी जान डाल देंगे। उन्होंने वही किया। उस मैच में उन्होंने केवल 32 रन देकर 5 विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया को 214 रनों पर समेट दिया। वेस्टइंडीज ने दूसरा फाइनल भी जीता और सीरीज अपने नाम कर ली।
बाद में डीन जोंस (Dean Jones) ने माना कि कर्टली एम्ब्रोस से रिस्टबैंड उतारने के लिए कहना उनकी बहुत बड़ी गलती थी। (Champions Trophy Final Special)