

इंडियन प्रीमियर लीग से बेदखल (IPL) पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ियों को एक नया डर लग रहा है। उन्हें यह अंदेशा सताने लगा है कि कहीं इंग्लैंड की लीग हंड्रेड से भी उनका पत्ता न कट जाए। इस बारे में सुगबुगाहट शुरू हुई तो इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने सफाई दी की ऐसा नहीं होगा।
यह डर बेवजह नहीं। ईसीबी ने हाल में Hundred की आठ टीमों की 49 फीसदी हिस्सेदारी बेची है। चार टीमों की हिस्सेदारी उन भारतीय कंपनियों ने खरीदी है, जिनके पास पहले से IPL की भी टीमें हैं।
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इंग्लिश लीग में भारतीय कंपनियां
इन भारतीय कंपनियों ने इंग्लैंड की क्रिकेट लीग में पैसा लगाया है – आरपीएसजी ग्रुप, आईपीएल में इसके पास लखनऊ सुपर जाएंट्स है, सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड, सनराइजर्स हैदराबाद की ओनर, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड जो मुंबई इंडियंस की ओनर है और दिल्ली कैपिटल्स के सह-मालिक जीएमआर ग्रुप।
इन भारतीय कंपनियों ने मैनचेस्टर ओरिजिनल्स, नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स, ओवल इन्विनसिबल्स और सदर्न ब्रेव में निवेश किया है।
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पाकिस्तान को डर क्यों लग रहा
दक्षिण अफ्रीका की टी-20 लीग SA20, ILT20, मेजर क्रिकेट लीग और कैरेबियन क्रिकेट लीग में भी आईपीएल की मालिक टीमों ने इन्वेस्टमेंट किया हुआ है। SA20 में तो सभी 6 टीमें भारतीय कंपनियों के पास ही हैं और इनमें पाकिस्तानी खिलाड़ी हिस्सा नहीं लेते। यही हाल उन दूसरी फ्रैंचाइजी का भी है, जिनके मालिक भारतीय हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कभी नहीं कहा कि उसने आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को बैन किया हुआ है, लेकिन एक मूक सहमति बनी है, जहां फ्रैंचाइजी कभी किसी पाकिस्तानी खिलाड़ी पर विचार नहीं करते। 2008 में, जब IPL की शुरुआत हुई थी, तभी पहली और आखिरी बार पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारतीय क्रिकेट लीग में खेलने का मौका मिला था।
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जब भारतीय कंपनियों ने दूसरे देशों की फ्रैंचाइजी क्रिकेट में कदम रखा, तो इस अघोषित नियम का एक तरह से वहां भी पालन करने लगे। देखा जाए तो यह बिल्कुल सही भी है। पाकिस्तानी खिलाड़ी अपने साथ तमाम तरह के विवाद, मैच फिक्सिंग का खतरा वगैरह लेकर आते हैं। फिर, इस मौजूदा पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में ऐसे एकाध खिलाड़ी ही हैं, जो टी-20 की मांग को पूरा करते हों। स्टार वैल्यू और ब्रैंड वैल्यू के मामले में भी उनसे बहुत फायदा नहीं होता। पाकिस्तानी उन दर्शकों की तरह हैं, जो स्टेडियम के बाहर की बिल्डिंगों और पेड़ों पर चढ़कर फ्री में मैच देखना चाहते हैं यानी इनकी व्यूअरशिप का फायदा नहीं मिलता।
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की सफाई
हंड्रेड के मामले में किसी भी भारतीय कंपनी ने यह नहीं कहा है कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों (Pakistani Cricket Player) को अब नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद ECB को सफाई देनी पड़ी यानी कुछ तो सुगबुगाहट रही होगी। वैसे, ईसीबी ने यह भी माना है कि भले ही उसकी लीग में भारतीय पैसा लगा हो, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों (Indian cricket team) के खेलने की उम्मीद नहीं है।
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