

इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) एक समय चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) को हमेशा के लिए बंद करना चाहती थी। क्यों उसने यह फैसला लिया था और फिर क्यों उसे कदम पीछे खींचने पड़े, इस कहानी में बस क्रिकेट ही नहीं है।
पाकिस्तान में इस साल होने वाली ICC चैंपियंस ट्रॉफी के लिए कितना बवाल हुआ, आपको पता ही है। दो महीने तक बीसीसीआई (BCCI) और पीसीबी (PCB) के बीच टकराव चला और आईसीसी बेचारी मामले को मैनेज करने में लगी रही। इंटरनेशन क्रिकेट काउंसिल की मजबूरी थी कि वह अपने कमिटमेंट से पीछे नहीं हट सकती थी। ब्रॉडकास्टर के साथ उसकी जो डील हुई है, उसमें चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) भी शामिल है। इंटरनेशन बॉडी अगर अपने कमिटमेंट से पीछे हटती, तो असर उसकी कमाई पर पड़ता।
खैर, बहुत मुश्किलों के बाद जाकर हाइब्रिड मॉडल पास हुआ और आईसीसी के साथ ही दूसरे सदस्य देशों ने भी राहत की सांस ली। भारत को तो ज्यादा असर पड़ता नहीं, लेकिन अगर यह इवेंट नहीं होता और ब्रॉडकास्टर पैसे काट लेता तो बाकी बोर्ड के लिए आफत आ जाती। इनमें पाकिस्तान (Pakistan cricket board) भी होता।
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लेकिन आज जो आईसीसी अपनी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए इतने पापड़ बेल रही है, कभी उसने खुद ही इस इवेंट को बंद करने का फैसला ले लिया था। उसका मानना था कि एक ही फॉर्मेट में दो-दो इवेंट कराने का कोई मतलब नहीं है।
यह बात है 2013 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी के पहले, साल 2012 की। इस साल इंग्लैंड में इवेंट होना था। इसके लिए तैयारियां चल रही थीं। इस बीच आईसीसी ने जो फ्यूचर टूर प्रोग्राम पेश किया, उसमें चैंपियंस ट्रॉफी का नाम नहीं था। सभी को हैरानी हुई कि जो इवेंट अभी खेला जाने वाला है, वह आगे के शेड्यूल से गायब क्यों है?
तब आईसीसी के चीफ एग्जीक्यूटिव हारून लोगार्ट थे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके सामने यह सवाल उठाया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर शेड्यूल में आपको नाम नहीं दिख रहा है, तो इसका मतलब कि भविष्य में इवेंट कराने का प्लान नहीं है।
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लोगार्ट ने बताया कि ICC पिछले कुछ अरसे से हर फॉर्मेट में एक ग्लोबल इवेंट की बात कर रही है। इस प्लान के तहत वनडे और टी-20 में विश्व कप (T-20 World Cup) हैं, जबकि टेस्ट में भी चैंपियनशिप शुरू की जानी है।
उस समय आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप (ICC Test Championship) शुरू नहीं हुई थी। हालांकि उसका प्लान आ गया था। तब काउंसिल ने ब्रॉडकास्टर और सदस्य देशों के साथ सलाह-मशवरा किया। सभी को लग रहा था कि जब वनडे विश्वकप पहले से मौजूद है, तो एक और ग्लोबल इवेंट की जरूरत नहीं है।
दिलचस्प बात यह है कि इस बार आईसीसी (ICC) ने पैसों की वजह से ही चैंपियंस ट्रॉफी को हर हाल में कराने की कोशिश की, जबकि उस समय उसे लग रहा था कि अगर यह टूर्नामेंट नहीं होता है, तो भी कोई मुश्किल नहीं आएगी। टेस्ट चैंपियनशिप बहुत आसानी से चैंपियंस ट्रॉफी की जगह ले लगी। हालांकि अब हम जानते हैं कि ऐसा हुआ नहीं।
वनडे विश्व कप की सफलता के बाद हुई थी शुरू
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में हुई। पहले इसे ICC Knock Out tournament कहा जाता था। फैंस इसे मिनी वर्ल्ड कप (Mini World Cup) के नाम से भी जानते थे। इसकी वजह यह थी कि तब टी-20 तो था नहीं और न ही टेस्ट की कोई चैंपियनशिप होती थी। उस समय हर चार साल पर केवल एक आईसीसी इवेंट था। ऐसे में जब दो-दो साल के अंतराल पर नॉकआउट टूर्नामेंट आया, तो उसे अपने आप ही विश्व कप का मिनी रूप मान लिया गया।
1998 से लेकर 2009 तक टूर्नामेंट हर दो साल पर हुआ, लेकिन फिर इसमें गैप आने लगा। वजह थी कि 2007 से टी-20 विश्व कप भी शुरू हो चुका था। 2009 में ही आईसीसी ने कहा कि टीमों का शेड्यूल बहुत टाइट होता जा रहा है, तो चैंपियंस ट्रॉफी में अब से केवल टॉप 8 टीमें ही हिस्सा लेंगी।
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टी-20 विश्व कप को तुरंत सफलता मिली। उसमें पैसा भी आया और दर्शक भी जुड़े। शायद इसी वजह से 2012 में तय किया गया कि अब चैंपियंस ट्रॉफी को बंद कर देना चाहिए। एक तरह से 2013 में इंग्लैंड में हुए एडिशन को आखिरी मान लिया गया था। लेकिन फिर जनवरी 2014 में इस निर्णय को वापस लिया गया और यूं चैंपियंस ट्रॉफी बच गई।
शेड्यूल का हमेशा रहता है पंगा
टीमों के बिजी शेड्यूल के कारण चैंपियंस ट्रॉफी के लिए समय निकालना हमेशा से चुनौती रही है। गौर कीजिए तो पाएंगे कि 2013 के बाद 2017 में इवेंट हुआ, और फिर अब जाकर 2025 में खेला जा रहा है।
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एक नजर चैंपियंस ट्रॉफी के अब तक के सफर पर (Champions Trophy History)
- पहला एडिशन 1998 : बांग्लादेश होस्ट था। दक्षिण अफ्रीका ने वेस्ट इंडीज को चार विकेट से हराकर खिताब जीता।
- दूसरा एडिशन 2000 : केन्या में हुआ, न्यूजीलैंड ने भारत को चार विकेट से हराकर फाइनल अपने नाम किया।
- तीसरा एडिशन 2002 : श्रीलंका ने मेजबानी की। भारत और श्रीलंका फाइनल में पहुंचे, लेकिन बारिश के कारण खेल पूरा नहीं हो सका और दोनों संयुक्त विजेता बने।
- चौथा एडिशन 2004 : इंग्लैंड होस्ट था। इसमें वेस्ट इंडीज ने फाइनल में इंग्लिश टीम को केवल दो रनों से हराया।
- पांचवां एडिशन 2006 : भारत में हुए टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज को 8 विकेट से हराकर खिताब जीता।
- छठा एडिशन 2009 : दक्षिण अफ्रीका में खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दूसरी बार खिताब जीता। फाइनल में न्यूजीलैंड को हराया।
- सातवां एडिशन 2013 : इंग्लैंड में हुए इवेंट में भारतीय टीम ने दूसरी बार यह टाइटल जीता। फाइनल में इंग्लैंड को ही हराया।
- आठवां एडिशन 2017 : फिर एक बार इंग्लैंड में हुआ और इस बार पाकिस्तान ने भारत को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया (India vs Pakistan Cricket Match)।