

Champions Trophy
कुछ लोग दुखी रहने के इतने आदि हो जाते हैं कि उन्हें इसमें भी सुकून मिलने लगता है… पता नहीं किसने ये कहा और कहां कहां, लेकिन जब कहा तब उसके दिमाग में शायद पाकिस्तान रहा हो। चैंपियंस ट्रॉफी खत्म हो चुकी है, टीम इंडिया ने कप उठा लिया है, लेकिन पाकिस्तान का दुख खत्म नहीं हो रहा।
पाकिस्तानी अब इसलिए दुखी हैं क्योंकि प्राइज डिस्ट्रिब्यूशन सेरेमनी में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कोई पदाधिकारी नहीं था। बताया जा रहा है कि पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी बीमार थे, इसलिए दुबई नहीं जा सके। हालांकि Champions Trophy डायरेक्टर सुमैर अहमद सैयद वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें भी मंच पर जगह नहीं मिली।
पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम, वकार युनूस, राशिद लतीफ और तमाम दूसरे एक्सपर्ट पूछ रहे हैं कि होस्ट नेशन होने के बावजूद PCB का कोई नुमाइंदा मंच पर क्यों नहीं था? क्या उन्हें बुलाया नहीं गया था?
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पाकिस्तानी परेशान हैं कि कार्यक्रम उनका और मजा कोई और ले गया। उनको चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल (Champions Trophy Final) ऐसा लगा, जैसे भारत में खेला गया हो और भारत का इवेंट हो। मंच पर BCCI के अध्यक्ष रोजर बिन्नी और ICC के चेयरमैन जय शाह थे। स्टेडियम में तिरंगे लहरा रहे थे, बॉलीवुड म्यूजिक पर डांस हो रहा था। इनके बीच पाकिस्तान कहां था?
पाकिस्तान दुख मना रहा था। अब देखिए कि इस टूर्नामेंट ने हमारे पड़ोसी देश को कितना दुख दिया है।
पहला होस्ट नेशन, जो दूसरे देश में जाकर खेला
BCCI ने पहले ही कह दिया था कि भारतीय सरकार ने टीम इंडिया को पाकिस्तान जाने की मंजूरी नहीं दी है। ऐसे में भारतीय क्रिकेट टीम ने सारे मुकाबले दुबई में खेले। वेन्यू का चयन पीसीबी और आईसीसी ने मिलकर किया था।
पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy) का मेजबान देश था, लेकिन उसे अपनी जमीन छोड़कर दुबई जाना पड़ा। कसक बहुत हुई उसे, लेकिन क्या कर सकते हैं।
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भारत से हारे, वह भी इतनी बुरी तरह
हारना तो तय था, यह कई पाकिस्तानी भी मानते हैं, लेकिन इतनी बुरी तरह कौन हारता है भाई। 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy)फाइनल में पाकिस्तान ने आखिरी बार वनडे में भारत को हराया था। इसके बाद से ग्रीन जर्सी वाले हारे ही जा रहे हैं।
हम तो हारे, भारत क्यों जीता
पाकिस्तान का बड़ा दुख यही रहा कि हम तो हार रहे हैं, कम से कम भारत (Team India) भी हार जाए। न्यूजीलैंड के खिलाफ लीग मैच में पाकिस्तानियों ने कीवियों के लिए दुआ मांगी। जाहिर है कि दुआ रिजेक्ट हो गई।
Champions Trophy सेमीफाइनल में सब मान कर चल रहे थे कि ऑस्ट्रेलिया की टीम एक बार फिर भारत का दिल तोड़ देगी। लेकिन दिल टूटा पाकिस्तानियों का। फाइनल में उन्होंने न्यूजीलैंड पर दांव लगाया, लेकिन बाजी उल्टी हो गई। अब पाकिस्तानी पूछ रहे हैं, ‘का भैया न्यूजीलैंड, केवल हमें ही हराने का ठेका उठाए थे क्या!’
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आ जाते एक बार गद्दाफी
टूर्नामेंट (Champions Trophy) शुरू होने से लेकर आखिर तक, पाकिस्तानी गिनाते रहे- ‘जी हमारे डेढ़ अरब खर्च हो गए स्टेडियम को सुधारने में। भारतीय टीम यहां आकर खेलती तो देखती।’ उन्हें समझ नहीं आया कि टीम इंडिया क्या देखने लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम जाती?
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कह रहे हैं कि लाहौर में फाइनल (Champions Trophy Final) होता और टीम इंडिया जीतती तो उसे ज्यादा खुशी होती। पाकिस्तानी भी भारतीय क्रिकेट टीम को प्यार करते हैं। बिल्कुल करते होंगे, लेकिन जनाब तब आपका दिल और दुख रहा होता।