

Investment Tips
ग्रोथ इन्वेस्टिंग (Growth investing) के एक्सपर्ट माने जाने वाले फिलिप फिशर (Phillip Fisher) के मुरीदों में वॉरेन बफेट (Warren Buffett)भी हैं। फिशर की 1958 में आई किताब ‘Common Stocks and Uncommon Profits’ को निवेश की दुनिया में क्लासिक का दर्जा हासिल है। इसमें बताया गया है कि उन कंपनियों को कैसे चुना जाए जो भविष्य में तेजी से बढ़ेंगी।
फिलिप फिशर मानते थे कि अच्छी कंपनियों में निवेश करना और उन्हें लंबे समय तक होल्ड करना ही सफलता की कुंजी है (Investment Tips)। उनकी रणनीति इस बात पर थी कि हमें कंपनी का गहराई से विश्लेषण करना चाहिए, खासतौर पर उसके मैनेजमेंट, इनोवेशन और भविष्य की योजनाओं का।
फिशर का मानना था कि शेयर मार्केट में ऐसे लोगों की भरमार है, जिन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है। उनका कहना था, ‘स्टॉक मार्केट ऐसे लोगों से भरा पड़ा है जिन्हें हर चीज का दाम (price) पता है, लेकिन महत्व (value) नहीं।’
यह भी पढ़ें : किडनैप हुए, आतंकियों से बचे, किस्मत हो तो अडानी जैसी
दिक्कत यह है कि ज्यादातर हमारा सामना ऐसे ही लोगों से होता है। शेयर बाजार (Share Market) में उनकी असफलता देख फिर हम भी संदेह से भर उठते हैं। तो क्या बाजार से दूरी बना लेनी चाहिए? पर्सनल फाइनेंस (Personal finance) पर कई बेस्ट सेलिंग किताबें लिख चुके रॉबर्ट जी एलन (Robert G. Allen) ने कभी पूछा था, ‘आप ऐसे कितने अरबपतियों को जानते हैं, जो सेविंग अकाउंट में पैसे जमा करके अमीर बन गए?’ यह सवाल अब भी कायम है।
अरबपतियों की लिस्ट उठाकर देख लीजिए, उनमें वही नाम नजर आएंगे, जिनकी कंपनियां स्टॉक मार्केट में टॉप पर हैं और जिनकी स्टॉक होल्डिंग की वैल्यू अरबों में है। अमेजन के मालिक जेफ बेजोस (Amazon founder Jeff bezos) हों, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) के फाउंडर बिल गेट्स या फिर टेस्ला के एलन मस्क (Elon Musk)- इनकी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा इनकी अपनी कंपनियों या दूसरी लिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी के रूप में है।
शेयर बाजार में निवेश क्यों करना चाहिए? (Investment Tips)
शेयर बाजार (Return in share market) निवेश का सबसे प्रभावी और लाभकारी तरीका हो सकता है। पिछले 40 वर्षों के आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि शेयरों ने अन्य विकल्पों जैसे गोल्ड, बैंक FD और PPF की तुलना में अधिक संपत्ति बनाई है। अगर किसी ने 1982 में गोल्ड में एक रुपये का निवेश किया गया होता, तो 2024 तक उसकी वैल्यू लगभग 36 रुपये होती।
यह भी पढ़ें : क्रिप्टोकरंसी क्या है और इसमें पैसा लगाना चाहिए?
Investment Tips : अगर यही पैसा बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD vs Share market) किया गया होता तो 2024 में करीब 52 रुपये मिलते। इसी तरह से, PPF में लगाए गए एक रुपये की कीमत 2024 में 58 रुपये हो जाती। लेकिन, अगर 1982 में सेंसेक्स में एक रुपये का निवेश किया गया होता, तो 42 साल बाद उसकी वैल्यू 610 रुपये के करीब होती।
इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि तब अगर किसी ने एक लाख रुपये बाजार में लगाए होंगे, तो इस वक्त उसकी कीमत 61 लाख रुपये के आसपास होगी। इसकी तुलना में निवेश के बाकी विकल्प बहुत पीछे हैं।
तेजी से बना रहा नए अमीर
भारत का शेयर बाजार हर साल औसतन 12-20% तक की वृद्धि दर्ज कर रहा है। 2027 तक यह जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है। शेयर बाजार की वजह से कई स्टार्टअप्स और युवा कंपनियों ने IPO (Initial Public Offering) के जरिए पूंजी जुटाई है।
यह भी पढ़ें : सब बेचकर यहां तक पहुंचे मस्क, अब क्या बेचेंगे?
Investment Tips : भारत में तेजी से अमीरों का एक नया वर्ग उभर रहा है। 2024 के आंकड़े बताते हैं कि देश में 2.20 लाख से ज्यादा लोगों की कर योग्य आय एक करोड़ रुपये से अधिक है। 2013-14 में ऐसे लोग केवल 40 हजार थे।
इजरायल-हमास युद्ध और यूक्रेन-रूस जंग (Ukraine-Russia war) के बीच जब दुनियाभर की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है, तब भी भारत की विकास रफ्तार 7.2% बनी हुई है। साल 2026 तक भारत का GDP 5 ट्रिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है।
साल 2031 तक GDP 10 ट्रिलियन डॉलर हो सकता है। इस ग्रोथ स्टोरी में सबसे बड़ा हाथ है कॉरपोरेट सेक्टर का। जाहिर है, जब बाजार और बढ़ेगा तो कंपनियों को भी फायदा होगा। उनका मुनाफा बढ़ेगा तो उसमें पैसे लगाने वाले भी मुनाफे में रहेंगे।
लेकिन, जानकारी पूरी होनी चाहिए
शेयर बाजार आपसे केवल एक चीज मांगता है, सही जानकारी (Investment Tips)। आप कब बाजार में घुसते हैं, कितनी देर रहते हैं और कब निकलते हैं – यह सब बहुत मायने रखता है। Value Investing के जनक कहे जाने वाले बेंजामिन ग्राहम (1894-1976) ने Margin of Safety की अवधारणा दी।
इसका अर्थ है कि किसी भी संपत्ति में निवेश करने से पहले उसकी वास्तविक कीमत से काफी नीचे खरीदना। यह तभी संभव है, जब पता हो कि क्या कीमत वाकई नीचे है और इसके लिए मार्केट की जानकारी होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें : निवेश का 50-30-20 नियम, आपने अपनाया क्या?
निवेश दो तरह का होता है- Short-term और Long-term। आमतौर पर लोग सेंटिमेंट्स, अटकलों और खबरों को देखकर कम अवधि के लिए पैसा लगाते हैं। इस तरह के निवेश में ऊंच-नीच की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इसमें यह भी बहुत मायने रखता है कि खरीद-बेच कब हुई।
वहीं, लंबी अवधि में शेयर की वास्तविक कीमत उसके मूलभूत (fundamental) मूल्यों, जैसे आय (earnings), लाभ और कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर तय होती है। निवेश लंबे वक्त के लिए किया जाए, तो कई सारे रिस्क फैक्टर कम हो जाते हैं। Benjamin Graham कहते थे कि कम अवधि में बाजार एक वोटिंग मशीन है, जबकि लंबी अवधि में वेटिंग मशीन। (Investment Tips)
शेयर बाजार से संपत्ति बनानी है, तो लंबा रास्ता चुनिए यानी Long-term investment कीजिए। अगर इस दौरान बाजार में गिरावट का दौर आए तो घबराइए नहीं। अमेरिकी निवेशक Shelby M.C. Davis की सीख है, ‘लंबे वक्त के लिए निवेश कीजिए। बहुत अधिक लालची मत बनिए और न ही बहुत अधिक डरिए।’ (Investment Tips)