

अगर पूछा जाए कि पिछले कुछ बरसों में आपने किस अरबपति को सबसे ज्यादा खबरों में देखा है, तो बिना किसी शक एक ही नाम आएगा, एलन मस्क (Elon Musk)। अमेरिका का यह कारोबारी हर दिन दुनियाभर की मीडिया को कोई न कोई खबर मुहैया करा देता है।
कभी वह स्पेस के बारे में कह रहे होते हैं कि चांद के बजाय सीधे मंगल पर चला जाए, तो कभी कहा जाता है कि उन्होंने ब्रिटेन के पीएम को हटाने की योजना बना ली है। मस्क के बारे में सुनकर ऐसा लगता है, जैसे वह मार्वल्स कॉमिक्स के आयरमैन (Iron MAn) वाले टोनी स्टार्क हों। उनके पास पैसा है, तकनीक है और अब तो राजनीतिक ताकत भी।
अमेरिका में ही ऐसे कई लोग हैं, जो मानते हैं डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दूसरे शासनकाल में असल ताकत मस्क के पास होगी। ट्रंप ने उन्हें अमेरिकी प्रशासन में सुधार की जिम्मेदारी सौंपी है। अगर मस्क के कामकाज के तरीकों को देखें तो लगता है कि यह सुधार प्रशासन पर भारी पड़ने वाला है।
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अफ्रीका में जन्म हुआ, US की पहचान बने
मस्क आज अमेरिका की पहचाना हैं, लेकिन उनका जन्म 1971 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। उन्हें पढ़ने का बहुत शौक था और कंप्यूटर पर तो उनकी उंगलियां थिरकती थीं। सिर्फ 12 साल की उम्र में उन्होंने Blastar नाम का कंप्यूटर गेम बना डाला और उसे एक कंप्यूटर पत्रिका को 500 डॉलर में बेच दिया।
साइंस फिक्शन राइटर आइजैक असिमोव की फाउंडेशन सीरीज को पढ़कर वह बहुत प्रभावित हुए। कई लोगों का मानना है कि इन्हीं किताबों से उनके मन में दुनिया को बदलने की सोच पैदा हुई। 1992 में इकॉनमिक्स और फिजिक्स पढ़ने के लिए वह अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सलवेनिया पहुंचे।
1997 में उन्होंने BA और BSc डिग्रियां लीं। इसी बीच, भाई के साथ मिलकर मस्क ने Zip2 नाम की सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू की। यह इतनी सफल हुई कि 1999 में कॉम्पैक ने इसे 30 करोड़ डॉलर में खरीद लिया। मस्क को इस सौदे के बाद 2.2 करोड़ डॉलर मिले और यहीं से शुरू हुआ उनका सुर्खियों में रहने का सिलसिला।
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31 साल की उम्र में बने अरबपति
1999 में मस्क ने X.com कंपनी शुरू की, जो आज PayPal के नाम से दुनिया में मशहूर है। जब 2002 में eBay ने PayPal को मस्क से खरीदा तो वह अरबपति बन गए, केवल 31 साल की उम्र में। कोई और होता तो इतने से संतुष्ट होकर बाकी की जिंदगी मजे में बिताता, लेकिन मस्क ऐसे नहीं हैं।
2002 में उन्होंने SpaceX कंपनी शुरू की, जिसका लक्ष्य था स्पेस में कमर्शल ट्रैवल को संभव करना। जिस समय उन्होंने यह सपना देखा, उस समय इसके बारे में सोचा भी नहीं जाता था। लेकिन मस्क ने इसे पूरा कर दिखाया। SpaceX पहली निजी कंपनी है, जिसने नासा के ऐस्ट्रॉनॉट को स्पेस स्टेशन में पहुंचाया है।
एलन मस्क (Elon Musk) स्पेस टूरिजम को आसान बनाना चाहते हैं। और वह केवल स्पेस में जाकर ही नहीं रुकना चाहते, उनकी ख्वाहिश तो मंगल पर इंसानी कॉलोनी बसाने की है। साथ ही, स्पेसएक्स ने उपग्रह आधारित इंटरनेट प्रोजेक्ट स्टारलिंक (Starlink) भी शुरू किया है। इसका उद्देश्य पूरी दुनिया, विशेषकर दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में, तेज और सस्ता इंटरनेट मुहैया कराना है।
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स्पेसएक्स के ठीक एक साल बाद मस्क ने टेस्ला मोटर्स शुरू की। इस कंपनी को शुरू करने का मकसद बिजली से चलने वाली गाड़ियां बनाना था। इन दोनों कंपनियों को मस्क ने बेचने के अभी तक संकेत नहीं दिए हैं। टेस्ला आज दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है। इसे टक्कर मिल रही है तो केवल सस्ती चीनी गाड़ियों से।
मुंहफट, विवादित लेकिन बिंदास मस्क
एक तरह से देखा जाए तो मस्क इस समय दुनिया के सबसे नामी बिजनेस लीडर्स में से एक हैं। वह उन बिजनेस प्रमुखों में से नहीं हैं, जिन्हें अपनी इमेज की चिंता होती है या जो कुछ भी लिखने-बोलने के पहले रिहर्सल करते हैं। मस्क को जो समझ आता है, वह बोल देते हैं।
जब से उनके पास X (पहले Twitter) आया है, तब से तो उन्हें कुछ ट्वीट करने में जरा भी वक्त नहीं लगता। कभी वह ट्वीट करते हैं कि उनकी कंपनियों की इवैल्यूएशन ज्यादा है और उनके ही शेयर धड़ाम हो जाते हैं। फिर किसी दिन वह किसी क्रिप्टोकरंसी (Cryptocurrency) के समर्थन में ट्वीट कर उसका भाव बढ़ा देते हैं।
दुनिया को जब लग रहा था कि ट्रंप और मस्क (Trump and Musk) तो एक ही बोली बोल रहे हैं, तभी उन्होंने प्रवासियों पर बिल्कुल अलग रुख अपना लिया। उन्होंने H1B वीजा सिस्टम को ही खराब बता दिया। अब भले ही परंपरावादी अमेरिकी उनके विरोध में बोलने लगे हों, लेकिन ट्रंप को भी अपना रवैया जरा बदलना पड़ा।
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तो मस्क ऐसे ही हैं। वह डेस्क के पीछे से बैठकर दूसरों को केवल आदेश नहीं देते। वह खुद भी उसी काम में कूद पड़ते हैं। उनका कोई एग्जीक्यूटिव किसी मसले पर उन्हें दाएं-बाएं की कहानी नहीं सुना सकता, क्योंकि कोई भरोसा नहीं कि वह खुद टेस्ला की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट में पहुंच जाएं और वहां उपकरणों पर हाथ चलाने लगें। उनकी हर कंपनी में, प्लानिंग और एग्जीक्यूशन, दोनों स्तरों पर उनका सक्रिय योगदान रहा है।
तो मस्क मुंहफट हो सकते हैं, बिंदास हो सकते हैं, हो सकता है कि उन्हें किसी की परवाह न हो, लेकिन यह भी सच है कि दुनिया पर आज उनके असर को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता।