

आकाश में चमकते तारों और पिंडों का परिचय दुनिया छोड़कर जा चुके लोगों के तौर पर कराने का रिवाज हमारे यहां बहुत पुराना है। जब बच्चों के मौत से जुड़े सवालों के जवाब देना मुश्किल हो जाता है, तो उन्हें इस तरह बहकाया जाता है, ‘वो देखो, वो रहे तुम्हारे…।’
लेकिन अगर सच में ऐसा हो कि हमारे पुरखे आकाश से नीचे झांक रहे हों? अगर हमारी हर हरकत पर उनकी नजर हो तो?
दुनिया भर में समय-समय पर एलियंस (Aliens) देखने के दावे किए जाते हैं। अमेरिकी सरकार पर तो यह भी आरोप लगता है कि वह एलियंस के अस्तित्व की जानकारी छिपा रही है। ब्रिटेन में भी कई बार एलियंस को देखने के दावे किए गए हैं। हालांकि, इनमें से 90% मामलों को खारिज कर दिया गया, लेकिन बाकी बचे मामलों को लेकर ब्रिटिश सरकार भी मानती है कि यह किसी अन्य ग्रह (Extraterrestrial) के जीवों से जुड़ा हो सकता है।
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सोचिए कि जिन्हें हम एलियंस समझ रहे हैं, अगर वे वास्तव में हमारे पूर्वज निकले तो? यह सवाल जितना अजीब लगता है, उतना ही रोमांचक भी है। यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती पर जीवन किसी अन्य ग्रह से आया होगा।
यानी इंसानों की उत्पत्ति किसी और ग्रह पर हुई और वहां से फिर हम किसी तरह से धरती पर पहुंचे। अब जहां इंसान पैदा हुआ, कायदे से वही उसकी मातृभूमि हुई और वहां रहने वाले हमारे बड़े-बुजुर्ग।
आइडिया बेहद क्रांतिकारी और फंतासी लगता है, पर इस विचार के पीछे कई रोचक तर्क मौजूद हैं। आइए जानते हैं कैसे :
इंसानों के DNA में अंतरिक्ष की छाप
डीएनए के बारे में हम सभी जानते हैं कि यही वह चीज है, जो एक इंसान को दूसरे से अलग बनाती है। हमारा रंग, रूप, व्यवहार, कद-काठी और तमाम दूसरी चीजें, जो एक से दूसरी पीढ़ी में ट्रांसफर होती हैं, वो इसी डीएनए (DNA – Deoxyribonucleic Acid) की देन हैं।
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वैज्ञानिकों ने पाया है कि इंसानों के डीएनए में मौजूद कुछ केमिकल ब्लॉक्स वही हैं, जो क्षुद्रग्रहों (Asteroids) में भी पाए गए हैं। यह क्षुद्रग्रह अरबों साल पहले धरती से टकराए थे। इससे यह संभावना मजबूत होती है कि पृथ्वी पर जीवन किसी अन्य ग्रह से आया होगा।
इंसानों की शारीरिक संरचना का रहस्य
अमेरिका के इकोलॉजिस्ट डॉ. एलिस सिल्वर (Dr. Ellis Silver) अपनी किताब ‘Humans Are Not From Earth’ में दावा करते हैं कि इंसान धरती के मूल निवासी नहीं हैं। उनके अनुसार, ‘केवल इंसानों को पीठ दर्द (Back Pain) की समस्या होती है, जो दर्शाता है कि वे कम गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण में विकसित हुए होंगे।’
आप सोच रहे होंगे कि इससे कैसे साबित हुआ, तो डॉ. एलिस यह समझाना चाहते हैं कि अगर धरती ही हमारा असली घर होती, तो हम इसके हिसाब से डिजाइन किए गए होते। मतलब कि तब हमें गुरुत्वाकर्षण से समस्या नहीं होती।
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फिर वह आगे बताते हैं कि इंसानी बच्चों का सिर जन्म के समय बड़ा होता है, जिससे प्रसव जटिल हो जाता है, जबकि अन्य प्राणियों में ऐसा नहीं होता। जानवरों के बच्चे जन्म के तुरंत बाद चलने लगते हैं, लेकिन इंसान के शिशु को ऐसा करने में महीनों लगते हैं।
एक तर्क यह भी है कि इंसान प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान नहीं लगा सकता, जबकि जानवर भूकंप जैसी घटनाओं को पहले ही भांप लेते हैं। अगर सारे जीव यहीं इवॉल्व हुए, तो प्रकृति ने ऐसा भेदभाव क्यों किया?
क्या इंसान किसी प्रयोग का नतीजा हैं?
डॉ. सिल्वर का मानना है कि निएंडरथल मानव (Neanderthals) और किसी अन्य ग्रह के जीवों की क्रॉस-ब्रीडिंग से आधुनिक इंसान (Homo sapiens) विकसित हुआ होगा। यह भी संभव है कि धरती को किसी उन्नत सभ्यता ने प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल किया हो।
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डॉ. सिल्वर का यह भी तर्क है कि धरती एक जेल ग्रह (Prison Planet) हो सकता है, जहां हिंसक और विद्रोही स्वभाव के जीवों को निर्वासित किया गया होगा। यही कारण है कि इंसान आपसी संघर्षों और युद्धों (Wars and Conflicts) में लिप्त रहता है।
होक्काइडो यूनिवर्सिटी (Hokkaido University) के प्रोफेसर यासुहिरो ओबा का मानना है कि धरती पर जीवन उल्कापिंडों (Meteorites), धूमकेतुओं (Comets) और ग्रहों की धूल (Cosmic Dust) के जरिए आया होगा। वैज्ञानिकों को डीएनए के निर्माण में सहायक तत्व उल्कापिंडों में भी मिले हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि जीवन के बीज अंतरिक्ष से आए होंगे।
क्या एलियंस हमें देखने आते हैं?
अगर इंसानों को किसी उन्नत सभ्यता ने धरती पर छोड़ा है, तो यह संभव है कि वे हमारी गतिविधियों पर नजर रख रहे हों। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हम जिन एलियंस या यूएफओ (UFOs – Unidentified Flying Objects) को देखते हैं, वे वास्तव में हमारे पूर्वज हो सकते हैं। वे समय-समय पर यह जांचने आते होंगे कि हम कितनी तरक्की कर रहे हैं।
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इंसानों की उत्पत्ति को लेकर कई थ्योरीज हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला है। क्या हम सच में धरती के मूल निवासी हैं, या फिर हमें किसी अन्य ग्रह से लाया गया है? क्या एलियंस हमारी निगरानी कर रहे हैं? यह सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। लेकिन एक बात तय है, कि हमारी उत्पत्ति का रहस्य (Mystery of Human Origin) जितना गहरा है, उतना ही रोमांचक भी!